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अइसन करेजऊ के कइसे के बिसारी हो / महेन्द्र मिश्र

अइसन करेजऊ के कइसे के बिसारी हो दरदिया दे के ना।
सयाम मथुरा परइलें हो दरदिया दे के ना।
रहि-रहि उठे टीस मनवाँ में होखे खीस
अइसन सुरतिया लेके कहाँ चलिगइले हो दरदिया दे के ना/स्याम।
कवन हमसे भइलें चूक स्याम हमसे गइले रूस
हमनी के नइया स्याम बिचहीं डुबवलें हो दरदिया दे के ना/स्याम
स्याम देई गइलें हूक दिल भइलें लाख टूक-
कहत महेन्द्र स्या मजीयते जरवले हो दरदिया देके ना।
स्याम मथुरा परइले हो दरदिया दे के ना।