http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%85%E0%A4%97%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A4%AE-%E0%A4%AC%E0%A4%97%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A4%AE_/_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B6_%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A5%81&feed=atom&action=historyअगड़म-बगड़म / प्रकाश मनु - अवतरण इतिहास2024-03-29T10:04:53Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%85%E0%A4%97%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A4%AE-%E0%A4%AC%E0%A4%97%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A4%AE_/_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B6_%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A5%81&diff=220083&oldid=prevLalit Kumar: '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रकाश मनु |अनुवादक= |संग्रह=बच्च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया2017-02-16T09:16:22Z<p>'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रकाश मनु |अनुवादक= |संग्रह=बच्च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया</p>
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|रचनाकार=प्रकाश मनु<br />
|अनुवादक=<br />
|संग्रह=बच्चों की 101 कविताएँ / प्रकाश मनु<br />
}}<br />
{{KKCatBaalKavita}}<br />
<poem><br />
अगड़म-बगड़म गए बाजार<br />
वहाँ से लाए मोती चार,<br />
दो मोती थे टूटे-फूटे<br />
बाकी दो हाथों से छूटे,<br />
अगड़म-बगड़म दोनों रूठे!<br />
<br />
आगे आया नया बाजार<br />
पीं-पीं बाजा, सीटी चार,<br />
लेकर बोले अगड़म-बगड़म-<br />
लिख लो, यह सब रहा उधार<br />
पैसे कल ले लेना यार!<br />
<br />
अगड़म उछल-उछलकर चलता<br />
बगड़म फिसल-फिसलकर बढ़ता,<br />
पीछे पड़ गए कुत्ते चार-<br />
कूद गए पानी में दोनों,<br />
झटपट पहुँचे नदिया पार!<br />
<br />
अगड़म रोता इधर खड़ा है<br />
बगड़म भी उखड़ा-उखड़ा है,<br />
अब ना पीं-पीं, अब ना बाजा<br />
फूटा घुटना, फूट गया सिर-<br />
टूट गया किस्से का तार!<br />
</poem></div>Lalit Kumar