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[[Category:स्पानी भाषा]]
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अगर अचानक तुम कूच कर जाती हो
 
अगर अचानक तुम जीवित नहीं रहती हो
 
मैं जीता रहूंगा ।
 
मुझ में साहस नहीं है
 
मुझ में साहस नहीं है लिखने का
 
कि अगर तुम मर जाती हो ।
 
मैं जीता रहूंगा ।
 
क्योंकि जहाँ किसी आदमी की कोई आवाज़ नहीं है
 
वहाँ मेरी आवाज़ है ।
 
जहाँ अश्वेतों पर प्रहार होते हों
 
मैं मरा हुआ नहीं हो सकता ।
 
जहाँ मेरे बिरादरान जेल जा रहे हों
 
मैं उनके साथ जाऊंगा ।
 अब जीत  
मेरी जीत नहीं,
 
बल्कि महान जीत
 
हासिल हो,
 
भले मैं गूंगा होऊँ, मुझे बोलना ही है :
 
देखूंगा मैं उसका आना, भले मैं अन्धा होऊँ ।
 
नहीं मुझे माफ़ कर देना
 
अगर तुम जीवित नहीं रहती हो
 
अगर तुम, प्रियतमे, मेरे प्यार, अगर...
 ::: अगर तुम मर चुकी हो 
सारे के सारे पत्ते मेरे सीने पर गिरेंगे
 
धारासार बारिश मेरी आत्मा पर होगी रात-दिन
 
बर्फ़ मेरा दिल दागेगी
 
मैं शीत और आग और मृत्यु और बर्फ़ के साथ चलूंगा
 
मेरे पैर, तुम जहाँ सोई हो, उस रुख कूच करना चाहेंगे,
 
लेकिन मैं जीता रहूंगा
 
क्योंकि तुम, सब कुछ से ऊपर, मुझे अदम्य देखना चाहती थीं
 
और क्योंकि, मेरे प्यार, तुम्हें पता है
 
मैं महज एक आदमी नहीं, बल्कि समूची आदमज़ात हूँ ।
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