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अगर तू कहे तेरी तकदीर लिख दूँ / रंजना वर्मा

अगर तू कहे तेरी तकदीर लिख दूँ
तुझे तेरे रांझा की मैं हीर लिख दूँ

थिरकते से लगते सनम पाँव तेरे
तेरी पायलों को मैं जंजीर लिख दूँ

तेरे नर्म हाथों में मेंहदी रचा दूँ
जो चितवन है बाँकी उसे तीर लिख दूँ

चुरा लूँ मैं आँसू तेरी चश्मे नम से
मैं अपनी ही किस्मत में वो पीर लिख दूँ

लबों का तू मोनालिसा के तबस्सुम
तुझे आ मुहब्बत की तस्वीर लिख दूँ

जुबाँ तेरी सीरत बताये भी कैसे
बखानूँ तुझे अपना दिल चीर लिख दूँ

बने सांवरा मेरी उल्फ़त का जामिन
तुझे जिन्दगानी की जागीर लिख दूँ