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अगर दौलत से ही सब क़द का अंदाज़ा लगाते हैं / मुनव्वर राना
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{{KKRachna
|रचनाकार= मुनव्वर राना
|संग्रह=घर अकेला हो गया
/ मुनव्वर राना; फिर कबीर
/ मुनव्वर राना
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[[Category:ग़ज़ल]]
द्विजेन्द्र द्विज
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