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"अगर पेड़ में रुपये फलते / प्रभुदयाल श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

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मूंछों पर दे ताव रोज हम‌
 
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पलक झपकते ढेरों रुपये
 
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थक जाते हम मित्रों के संग‌
 
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हम रुपये भरपूर लुटाते
 
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वृद्ध गरीबों भिखमंगों की
 
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रोज रुपयों से झोली भरते
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निर्धन कोई नहीं रह पाते
 
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खाते पीते धूम मचाते
 
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हम सब मिलकर मस्ती करते
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04:24, 30 जून 2014 के समय का अवतरण

अगर पेड़ में रुपये फलते-
टप् टप् टप् टप् रोज टपकते
अगर पेड़ में रुपये फलते
सुबह पेड़ के नीचे जाते
ढ़ेर पड़े रुपये मिल जाते

थैलों में भर भर कर रुपये
हम अपने घर में ले आते
मूंछों पर दे ताव रोज हम‌
सीना तान अकड़के चलते

कभी पेड़ पर हम चढ़ जाते
जोर जोर से डाल हिलाते
पलक झपकते ढेरों रुपये
तरुवर के नीचे पुर जाते
थक जाते हम मित्रों के संग‌
रुपये एकत्रित करतॆ करते

एक बड़ा वाहन ले आते
उसको रुपयों से भरवाते
गली गली में टोकनियों से
हम रुपये भरपूर लुटाते
वृद्ध गरीबों भिखमंगों की
रोज रुपयों से झोली भरते

निर्धन कोई नहीं रह पाते
अरबों के मालिक बन जाते
होते सबके पास बगीचे
बड़े बड़े बंगले बन जाते
खाते पीते धूम मचाते
हम सब मिलकर मस्ती करते