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अगर मनुष्य के लिए / सैयद शहरोज़ क़मर

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अगर मनुष्य के लिए
ऑक्सीजन नहीं तो
मंदिर का शंख नहीं
मुल्ला की अज़ान नहीं
फूल में ख़ुश्बू नहीं
मुंदी आँख के सपने सही
पर उसकी ताबीर नहीं
और अगर तुम नहीं
तो ऑक्सीजन नहीं