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अचानक-1 / भास्कर चौधुरी

उसने जीवन भर
रौब झाड़ा
अपने मातहतों पर
गुस्सा करता रहा बात-बेबात

किसी की न सुनी
कहता रहा अपनी ही
करता रहा अपने मन की
आज अचानक चल बसा...