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अचेत रेत / ओम पुरोहित कागद
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अचेत रेत
चेत !
अै धान रा धाप्पोड़ा
भतूलिया
उडा नाखै ला
थारै गर्भ मांय पड्या
आसावां रा बीज
थारै माजणै समेत ।
थारी अवचेतना री
हलगत हाथ लागां
सोनाळा/रूपाळा
भांत -भांत रा
जैवर सरीखा धोरा
पलक झपकतां ‘ईं
रोल्ड-गोल्ड बता
पादरा कर नाखैला
सेंत-मेंत मांय
चौघर स्यूं चौधरिज्योड़ा
आगा बतावणियां
अै पछेत
इण खातर चेत !
अचेत रेत
चेत !