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अच्छे हैं हम सुन के तुम बीमार हो गए / मोहम्मद इरशाद


अच्छे हैं हम सुन के तुम बीमार हो गए
इक पल में क्या से क्या ऐ मेरे यार हो गए

जिन लोगों पे था ख़ुद से ज़्यादा मुझे यकीन
मेरे ख़िलाफ वो ही कई बार हो गए

जब से वो अपने आपको करने लगा पसन्द
उसकी नज़र में तब से हम बेकार हो गए

अच्छा किया जो आपने आवाज़ दी उन्हें
बरसों से सो रहे थे वो बेदार हो गए

‘इरशाद’ का ना ज़िक्र कर तु मेरे सामने
लोगों की तरह वो भी अब बेकार हो गए