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अजब अपार परिपूर्ण छै प्रताप लै केॅ / अनिल शंकर झा

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अजब अपार परिपूर्ण छै प्रताप लै केॅ
एक-एक कण में भी शक्ति केॅ समैनेॅ छै।
भुखला केॅ अन्न आ बसन दै छै नगटा केॅ
जीवन सें हारला केॅ मरै सें बचैने छै।
राजा-रंक साधु-गुनी अगुनी-असाधु केॅ भी
एक रं मानी सब गला सें लगैनें छै।
आदि की अनादिहै सें कीरती सुहाबै सब
बलि-बलि जाबै जान कतना लुटैनें छै॥