अजब बात है देखो क्या चाहते हैं।
जफा करके भी वो वफ़ा चाहते है।
ज़माने में कोई भला काम कर लें
जमाने का हम तो भला चाहते हैं।
कोई सरमदी गीत हमसे लिखा दे
यही तुझ से हम ऐ खुदा चाहते हैं।
तेरे दर पे बैठे हैं धूनी रमाए
महब्बत भरी इक सदा चाहते हैं।
है ऐ नूर हम तो महब्बत के बन्दे
नही हम किसी का बुरा चाहते हैं।