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अजब शेवा है इनका चारागर भी हैं, सितमगर भी / अमित गोस्वामी

अजब शेवा1 है इनका चारागर भी हैं, सितमगर भी
इन आँखों से मरीज़−ए−इश्क़ जी उट्ठेगा मरकर भी

तेरी आँखों पे क्या लिक्खूँ, ये साग़र2 भी हैं, सागर भी
है ज़ौक़−ए−मय3 भी, लेकिन डूबकर मर जाने का डर भी

इन आँखों में है अंदाज़−ए−सबा4, रंगीनी−ए−गुलशन
सुकूत−ए−आसमाँ5 भी, बेकरानी−ए−समंदर6 भी

इन्हीं में गुम हुआ हूँ और इन्हीं से राह निकली है
अजब साहिर हैं ये आँखें ये रहज़न7 भी हैं रहबर8 भी

इन आँखों से ही सब अपने हुनर का फ़ैज़ पाते हैं
मुग़न्नी9 भी, मुसन्निफ़10 भी, मुसव्विर11 भी, सुख़नवर12 भी



1.आदत, प्रवृत्ति 2.शराब का प्याला 3.शराब का शौक़ 4.हवा का अंदाज़ 5.आसमान की शांति 6.समंदर का विस्तार 7.लुटेरा 8.पथ प्रदर्शक 9.गायक 10.चित्रकार 11.चित्रकार 12.कवि