भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अठाईस / प्रमोद कुमार शर्मा

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:47, 4 जुलाई 2014 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कुण भरै भेद
-छेद
घणा हूग्या भाखा रै पल्लै मांय
काणो पीसो भी बच्यो नीं गल्लै मांय
अैड़ी कंगाली है
अर सबद है
-कैद!