Last modified on 5 अगस्त 2019, at 00:32

अड़बड़िहा दुनियां के अड़बड़ हे बात गा / रविशंकर शुक्ल

अदबड़िया दुनियां के अड़बड़ हे बात गा।
मनखे ला लीलथे मनखे के जात गा।
बड़े बड़े गंडा बांघे
हाथ धरे झंडा
इती उती घुमत हावयं
बोली बोलये अईसे जईसे पोनी धुने तांत गा
जेखर पुरखा राजा
हरिश्चंद्र ला बिसाबे
नाती पोता ओखरे
येडे हमीं ला डेरुवाये
खोटहा चांदी के रुपिया ला घरे हाथ गा
टुटहा खेलौना कस
सबों दिखत हावयं
भूलुवा अंधरा खोरबा
ठुठुवा कोनो हावय
एके झऊहां से में सबो छटपटात गा
अइसन बाढ़त हावय
संगी रे महंगाई
नई दिखय कोनो
भइया रे ददा दाई
हाथी ले महंगी हे हाथी के दांत गा।