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अणभव / कन्हैया लाल सेठिया

थकां दीठ
भूलग्यो
बटाऊ मारग
कांई हुवै जाण्यां
गांव रो नांव
पूछणा पड़ै
ऐनाण सैनाण
पुगा दै बारै पाण
अणभव री आंख
सूरदास नै
ठाई ठोड !