Last modified on 17 जनवरी 2021, at 23:31

अनन्त उड़ान / कुमुद बंसल

परिंदे ने भर ली है उड़ान
वृक्ष, वृक्ष के काँटे
वृक्ष पर घोंसला
सब छूटा पीछे
पंख फैले आसमान
घोंसले की गर्माहट
अपनों से चुभन
सब छूटा पीछे उड़ रहा वो गगन
परिंदे ने भर ली है उड़ान
होगा क्या अंत इस उड़ान का
नहीं चाहिए वृक्ष पर घोंसला
नहीं चाहिए अपनों से चुभन
यह उड़ान ही बन जाए अनंत