भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अनुपम मिश्र को याद करते हुए / भास्कर चौधुरी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पानी ने जोड़ा
अनुपम को दुनिया से
अनुपम ने पानी जोड़ा पानी से
सचमुच पानी ही थे अनुपम
उनके तलाबों की तरह भरे हुए लबालब
पानी से तरबतर थे उनके सम्बंधों के खेत
गाँव शहर और देश की सीमा से परे
हरे हरे...