http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%A7_/_%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%AE%E0%A4%A8_%E0%A4%B9%E0%A5%87%E0%A4%B8&feed=atom&action=historyअनुरोध / हरमन हेस - अवतरण इतिहास2024-03-28T14:25:55Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%A7_/_%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%AE%E0%A4%A8_%E0%A4%B9%E0%A5%87%E0%A4%B8&diff=206376&oldid=prevअनिल जनविजय: '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरमन हेस |अनुवादक=प्रतिभा उपाध्य...' के साथ नया पृष्ठ बनाया2016-07-03T18:44:12Z<p>'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरमन हेस |अनुवादक=प्रतिभा उपाध्य...' के साथ नया पृष्ठ बनाया</p>
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{{KKRachna<br />
|रचनाकार=हरमन हेस<br />
|अनुवादक=प्रतिभा उपाध्याय<br />
|संग्रह=<br />
}}<br />
{{KKCatKavita}}<br />
<poem><br />
जब देती हो तुम मुझे अपना छोटा हाथ <br />
जो बताता है इतना अधिक अनकहा <br />
क्या मैंने तुमसे पूछा कभी<br />
कि तुम मुझे प्यार करती हो ?<br />
<br />
मैं नहीं चाहता कि तुम प्यार करो मुझे <br />
मैं बस इतना चाहता हूँ कि मैं तुम्हें जानूँ नज़दीक से <br />
और कभी-कभी तुम ख़ामोश और धीरे से <br />
अपना हाथ मुझे दे दो II <br />
<br />
'''मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : प्रतिभा उपाध्याय'''<br />
</poem></div>अनिल जनविजय