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अपनी रहमत की इक नज़र दे दे / अनीता सिंह

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अपनी रहमत की इक नज़र दे दे
मेरी आवाज़ में असर दे दे।

आज की रात मुझपे भारी है
साथ मेरा तू इक पहर दे दे।

कल हमारा सितारा चमकेगा
आसमां को कोई ख़बर दे दे।

चांद-तारों की किसको ख़्वाहिश है
इक नशेमन ज़मीन पर दे दे।

जिसके दम पर मैं ज़िन्दगी जी लूं
इक मुलाक़ात मुख़्तसर दे दे।