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अपने तऽ जाइ छऽ हो भैया / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

अपने तऽ जाइ छऽ हो भैया, देश रे बिदेशबा
हमरो लय लबिहऽ भैया गहुमा सनेसबा
आबि गेलै हो भैया, छठि सनर बरतिया
गहुम तऽ छै गे बहिन, बड़ रे महगबा
छोड़ि दहिन गे बहिन, छठि सन बरतिया
दीनानाथ देलखिन हो भैया, भाइ रे भतिजबा
हम कोना छोड़बै हो भैया, छठि सन बरतिया
ससुरा मे देलखिन हो भैया, सासु-ससुरबा
आरो जे देलखिन हो भैया, सीथ भरि सिनुरबा
हँसैत कनैत रहै कोखि के बलकबा
हम कोना छोड़बै हो भैया, छठि सन बरतिया
करबै करबै हो भैया, छठि सन बरतिया
अपने तऽ जाइ छऽ भैया, देश रे बिदेशबा
हमरा लय लबिहऽ भैया, केरा सनेसबा ...
नेने अबिहऽ हो भैया, नारिकेर सनेसबा
नारिकेर तऽ छौ गे बहिन, बड़ रे महगबा
छोड़ि दहिन गे बहिन, छठि सन बरतिया
बेचि देबै हो भैया, हाथ के कंगनमा
खरीद लेबै हो भैया, केरा-नारिकेरबा
कैये लेबै हो भैया, छठि सन बरतिया