अपने हिस्से में छाए
इन अंधेरों को देखकर
अब नहीं होता हूँ उदास।
क्योंकि मेरे हिस्से का
अस्त सूरज फैला रहा होता है
किसी और के हिस्से में उजास।
अपने हिस्से में छाए
इन अंधेरों को देखकर
अब नहीं होता हूँ उदास।
क्योंकि मेरे हिस्से का
अस्त सूरज फैला रहा होता है
किसी और के हिस्से में उजास।