भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अबखी वेळा आय / मानसिंह राठौड़

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:32, 25 जून 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मानसिंह राठौड़ |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

देवी मरुधर देश में,चामुंडा सुरराय।
राठवड़ कुळ राखजौ,अबखी वेळा आय ।।

धरमी कमधज धुहड़जी,थान दिन्यो थपाय ।
अवनी अंबा आवजौ,अबखी वेळा आय ।।

कर जोड़यां निमण करूँ,सगती करो सहाय ।
बखत पड्यां बचावजौ,,अबखी वेळा आय ।।

नांव फसी मझधार में,बीच झकोळा खाय ।
पार लगा परमेसरी,अबखी वेळा आय ।।

मुरधर देश'म मानवी,गुण मैया रा गाय ।
दुख दाळद दटावज्यो,अबखी वेळा आय ।।

आखी दुनिया आपरौ,गुण गावै घण चाव ।
हैले हाजर होवजो,अबखी वेळा आव ।।

अंतस करसूं आरती,रैं! नागाणा राय
शरणे सोरा राखजे,अबखी वेळा आय ।।

सिवरुं अंतस ऊजळे,भगत तणो है भाव ।
"मान" ऊपर म्हेर करै,अबखी वेळा आव ।।