भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अब अंजोर होही / लूथर मसीह

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चारों मुड़ा अंधियार
अउ सन्नाटा मं

सुते रहिस छत्तीसगढ़ माई पिल्ला
दिया मं अभी तेल हावय

धीरे धीरे सूकवा उवत हे
पहाटिया के आरो होगे हे

ओखर लउठी के ठक ठक
बिहान होए के संदेशा
अब---

छत्तीसगढ़ के आंखी उघरत हे
अपन अधिकार बार लड़त हे

छत्तीसगढ़ मं
अब अंजोर होही
अब अंजोर होही ॥