अब निज नाम जान मन मानो।
कीनो जतन रतन को देखो भयो अडोल अमोल दिखानो।
जागी अकल सकल सब सूझी मान उदय लख तिमिर उड़ानो।
करत निहार नाम को निस दिन बुद्धि प्रकाश शबद उर आनो।
ठाकुरदास मिले गुरु पूरे जूड़ीराम मर्म यह जानो।
अब निज नाम जान मन मानो।
कीनो जतन रतन को देखो भयो अडोल अमोल दिखानो।
जागी अकल सकल सब सूझी मान उदय लख तिमिर उड़ानो।
करत निहार नाम को निस दिन बुद्धि प्रकाश शबद उर आनो।
ठाकुरदास मिले गुरु पूरे जूड़ीराम मर्म यह जानो।