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"अब पहरुए / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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17:51, 21 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

अब
पहरुए
आदमी की
चाँदमारी
करते हैं,
सत्ता का कुंड
आदमियों के रक्त से भरते हैं।

रचनाकाल: ०२-०९-१९९०