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अब हम चेत हेत उर हेरी / संत जूड़ीराम

अब हम चेत हेत उर हेरी।
आजकाल कलकाल काल है विनसत फिरत नहीं फिर फेरी।
होरी करत जरत सब यहि विधि काल हवाल कीन तन केरी।
को काको नातो सग सातौ दिना चार की मुहलत अबेरी।
जुड़ीराम सरन सदगुरु के निरंख नम निज पास बसेरी।