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अभागे गाँव को ढाढस बँधाने कौन आएगा / ओमप्रकाश यती

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अभागे गाँव को ढाढ़स बँधाने कौन आएगा
इलेक्शन बाद फिर चेहरा दिखाने कौन आएगा

अगर हम लेखनी वाले भी बँट जाएंगे खेमों में
दिलों में प्रेम के दीपक जलाने कौन आएगा

हमारे रास्ते क्या हों, हमारी मंज़िलें क्या हों
हमारे फ़र्ज़ क्या हों, ये बताने कौन आएगा

जो अपने थे, तुम्हारे क़त्ल में शामिल वही हैं जब
तुम्हारी मौत पर आँसू बहाने कौन आयेगा

वहाँ परदेश में जब खेलते हैं डॉलरों में सब
यहाँ माँ-बाप की मिट्टी उठाने कौन आएगा