Last modified on 17 नवम्बर 2010, at 11:50

अभी रात बीती है आधी / इवान बूनिन

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: इवान बूनिन  » संग्रह: चमकदार आसमानी आभा
»  अभी रात बीती है आधी

अभी रात बीती है आधी
मैं घर से बाहर निकल आता हूँ
ठंड से जमी हुई धरती पर
अपने ठक-ठक क़दम बजाता हूँ

बग़िया काली है, तम छाया है,
ऊपर नभ में छितरे हैं तारे
पुआल ढकी छत चमक रही है,
इस बूढ़े खूसट घर की हमारे

हिम झरे है, इससे रंग उसका
कुछ सफ़ेद हो गया है
अर्धरात्रि में शोकाकुल हो जैसे
वह कहीं खो गया है

(नवम्बर 1988)

मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय