भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अमरीका / भास्कर चौधुरी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चना-मुर्रा नहीं खाता अमरीका
लेकिन हमें चना-मुर्रा समझता है

और हम
चना-मुर्रा बेचने वाले की
टोकरी में पड़े

अपने बिकने का
इंतज़ार करते रहते हैं