गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 2 सितम्बर 2014, at 17:56
अमृता / दीनदयाल शर्मा
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
दीनदयाल शर्मा
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
अमृता ने ही कहा
चलो मिलकर चलते हैं
चलो मिलकर जीते हैं।।।
कितना मुश्किल है
पहल करना
महान थी अमृता।