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अर्थ जब खोने लगे / अनूप भार्गव

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अनूप भार्गव

अर्थ जब खोने लगे
शब्द भी रोने लगे ।

जब वो आदमकद हुए
सब उन्हें बौने लगे ।

ज़ख्म न देखे गये जब
अश्रू से धोने लगे ।

एक जज़्बा था अभी तक
आप तो छूने लगे ।

कब तलक ये ख्वाब देखूँ
वो मेरे होने लगे ।

कब कहानी मोड़ ले ले
आप तो सोने लगे ।