Last modified on 12 दिसम्बर 2007, at 03:23

अस्वस्थ होने पर / त्रिलोचन

मित्रों से बात करना अच्छा है
और यदि मुँह से बात ही न निकले तो
उतनी देर साथ रहना अच्छा है
जितनी देर मित्रों को
यह चुप्पी न खले।