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अस हर नाम जपो मय भंजन / संत जूड़ीराम

अस हर नाम जपो मय भंजन।
त्रिविध ताप संताप सकल भय प्रबल मोहदल गंजन।
मन बधु चित विवेक एक मत मद हंकार निखंदन।
छूटत विरवे मोरचा तन के नाम विलोचन अंजन।
सकल सोच भ्रम भार नसावन पावन नद नंदन।
जूड़ीराम नाम पद टेको भूलन छोड़ कुफंदन।