मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
अहि योग नारि जनम लेल, रूसि पहु हमर विदेश गेल
कर्म अभाग हमर भेल, वारि वयस पहु तेजि गेल
अँचरहि कमल फुलित भेल, ताहि देखि भमरा लुबुधि गेल
पूर्व जन्म हम चुकलहुँ, गौर पुजि नहि सकलहुँ
भनहि विद्यापति गाओल, गौरी सुन्दर वर पाओल