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अहै के मोरे तोहरे सेवाइ मइया / आद्या प्रसाद 'उन्मत्त'
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चाहे जँघिया प लोटे बुकउना मले,
चाहे धुरिया लपेटे बेकैयाँ चले,
मुहा चूमू है गोदिया उठाइ मइया,
अहै के मोरे तोहरे सेवाइ मइया।
चाहे पहिला परगवा फनावत गिरे,
चाहे तोहरे अँगनवा मा धावत गिरे,
चलू अगवा अँगुरिया धराइ मइया,
अहै के मोरे तोहरे सेवाइ मइया।
फुसिलाइउ बजाइ घुनघुनवा तुहीं,
टिकटोरिउ है गूँगा बोलनवा तुहीं,
दुइनौ हथवा चुटुकिया बजाइ मइया,
अहै के मोरे तोहरे सेवाइ मइया।
भूख देखू तौ बावन करमवा किहू,
माई पूरा तू आपन धरमवा किहू,
मोरे डेकरे गइउ तू अघाइ मइया,
अहै के मोरे तोहरे सेवाइ मइया।
चाहे दुनिया कै आफत बिपति गरसै,
चाहे उपरा से कौनौ बलाइ बरसै,
तोहरे कोरवै म जाबै लुकाइ मइया,
अहै के मोरे तोहरे सेवाइ मइया।