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अेक सौ अेक / प्रमोद कुमार शर्मा

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दियासळाई बाळै जणै
मजूर रैवै बडै होस मांय
कै कठैई बीड़ी बाळतां थकां
गांव नीं बाळद्यै

उणी ढाळ :
सबद नैं रुखाळ
होस रै साथै उछाळ
कठैई नींद मांय गट्टी ना गाळद्यां!
बीड़ी पींता-पींता गांव ना बाळद्यां!