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"आँखों में जल रहा है क्यूँ बुझता नहीं धुआँ / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर

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उठता तो है घटा सा बरसता नहीं धुआँ <br>
 
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चूल्हा नहीं जलाये या बस्ती ही जल गई <br>
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यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ <br>
 
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आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं <br>
 
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मेहमान ये घर में आयें तो चुभता नहीं धुआँ<br>
 
मेहमान ये घर में आयें तो चुभता नहीं धुआँ<br>

22:24, 10 अगस्त 2009 का अवतरण


आँखों में जल रहा है क्यूँ बुझता नहीं धुआँ
उठता तो है घटा सा बरसता नहीं धुआँ

चूल्हे

नहीं जलाये या बस्ती ही जल गई 

कुछ रोज़ हो गये हैं अब उठता नहीं धुआँ

आँखों से पोंछने से लगा आँच का पता
यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ

आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं
मेहमान ये घर में आयें तो चुभता नहीं धुआँ