Last modified on 4 सितम्बर 2018, at 18:03

आइए, मौत के करीब / चंद ताज़ा गुलाब तेरे नाम / शेरजंग गर्ग

आइए, मौत के करीब चलें आइए जिं़दगी से प्यार करें जो उजालों के ख़ैरख्वाह रहे उन अंधेरों का ऐतबार करें। </poem>