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आइए प्रणय की बात करें / चेतन दुबे 'अनिल'
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आइए प्रणय की बात करें।
घात पर एक प्रतिघात करें।
चाँदनी छिटक छाई भू पर -
आओ, मधुभींगा गात करें।
दो तन होकर भी प्राण एक
होकर हम दिन को रात करें।
वासना रहित होकर हम - तुम
अन्तर तुलसी के पात करें।
जो स्वप्न सँजोए सुधियों ने
उनको जीवन - सौगात करें।