पंख काट’र
हेत सूं कैवै म्हांनै-
ओ आभो थांरो
०००
जीव सूं बेसी
सांस सूं सांस पाळै
नव महीना
०००
सोधै हो सुख
सगपण नै आया
बैरी आंसूड़ा
०००
उमड़ै अठै
पण बरसै बठै
हरामी लोर
०००
चीकणो मांस
हांओहता फिरै अठै
काती रा कुत्ता
०००
पंख काट’र
हेत सूं कैवै म्हांनै-
ओ आभो थांरो
०००
जीव सूं बेसी
सांस सूं सांस पाळै
नव महीना
०००
सोधै हो सुख
सगपण नै आया
बैरी आंसूड़ा
०००
उमड़ै अठै
पण बरसै बठै
हरामी लोर
०००
चीकणो मांस
हांओहता फिरै अठै
काती रा कुत्ता
०००