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आखो डील पसेवै सूं तर लागै / सांवर दइया
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आखो डील पसेवै सूं तर लागै
म्हांरी ना पूछो म्हांनै डर लागै
मन बिलमाई रै मिस गोळी छूटै
घरां में लोग धूजण थर-थर लागै
अजै चेती कोनी आपणी धूणी
भळै देख कठैई कीं कसर लागै
कोई दूजो ढंग सोधणो पडसी
दाद-फ़रियाद अठै बेअसर लागै
मून री सगळी भींतां भांग नांखी
उछळै कूदै टाबर : औ घर लागै