Last modified on 30 नवम्बर 2010, at 21:37

आग में आग डाल देते हैं / कुमार अनिल

आग में आग डाल देते हैं
आओ ख़ूँ को उबाल देते हैं

दे गए जो हमें हमारे बुज़ुर्ग
हम तुम्हें वो मशाल देते हैं

चाँद जब माँगता है अपना जवाब
हम तुम्हारी मिसाल देते हैं

तोड़ने को घमंड सूरज का
एक दिया और बाल देते हैं

हमसे जो उम्र भर सुलझ न सका
लो तुम्हें वो सवाल देते हैं

अगले पल का यक़ीं नहीं मुझको
और वो कल पे टाल देते हैं

पानी ठहरा तो सड़ ही जाएगा
आओ इसको खंगाल देते हैं