Last modified on 15 मार्च 2017, at 10:11

आजभोलि मन मेरो / रवि प्राञ्जल

Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:11, 15 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रवि प्राञ्जल |अनुवादक= |संग्रह= }} {{K...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आजभोलि मन मेरो त्यसै-त्यसै दुख्छ
रोऊँ भने आँसु मेरो गह भित्रै सुक्छ

वसन्तमा मधुमास छैन आज भोलि
न्याउली रुन्छे बिरहमा मुटु मेरो पोली
ब्यथाहरू बल्झिएर खुशी पर लुक्छ
रोऊँ भने आँसु मेरो गह भित्रै सुक्छ

बगर भो छाती मेरो आँखा भो किनारा
कहाँ पोखूँ बह मनको भेटिन सहारा
भावनाको सागरमा मन मेरो डुब्छ
रोऊँ भने आँसु मेरो गहभित्रै सुक्छ