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आज़ादी से गुलामी मिली / राज हीरामन

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तुम्हारा यह दलील
कि बहुत आज़ादी
अच्छी नहीं
यह मैं समझ पाया था
पर तुम्हारी यह आज़ादी कैसी ?
मैं अपने को तुम्हारा गुलाम पा रहा हूं ।