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आजा चिड़िया / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

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आजा चिड़िया आजा चिड़िया,
क्यों ऊपर तू बैठी चिड़िया?

आजा अन्दर, आजा अन्दर,
ठिठुर रही क्यों ऊपर चिड़िया?

आजा अन्दर, आजा मुझ तक,
मिलकर खेलें गुड्डा-गुड़िया।

अम्मा से कहकर मैं तुझको,
बुनवा दूँगी स्वेटर बढ़िया।