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"आजु मैं गाई चरावन जैहों / सूरदास" के अवतरणों में अंतर

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आजु मैं गाई चरावन जैहों
 
बृंदाबन के भाँति भाँति फल, अपने कर मैं खैहौं।
 
बृंदाबन के भाँति भाँति फल, अपने कर मैं खैहौं।
 
ऎसी बात कहौ जनि बारे, देखौ अपनी भांति।
 
ऎसी बात कहौ जनि बारे, देखौ अपनी भांति।
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तुम्हारौ कमल बदन कुम्हलैहै, रेंगत घामहिं माँझ।
 
तुम्हारौ कमल बदन कुम्हलैहै, रेंगत घामहिं माँझ।
 
तेरी सौं मोहि घाम न लागत, भूख नहीं कछु नेक।
 
तेरी सौं मोहि घाम न लागत, भूख नहीं कछु नेक।
सूरदास प्रभु कहयौ न मानत, परयौ आपनी टेक॥</poem>
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सूरदास प्रभु कहयौ न मानत, परयौ आपनी टेक॥
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16:03, 24 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

आजु मैं गाई चरावन जैहों
बृंदाबन के भाँति भाँति फल, अपने कर मैं खैहौं।
ऎसी बात कहौ जनि बारे, देखौ अपनी भांति।
तनक तनक पग चलिहौ कैसें, आवत ह्वै है राति।
प्रात जात गैया लै चारन, घर आवत है साँझ।
तुम्हारौ कमल बदन कुम्हलैहै, रेंगत घामहिं माँझ।
तेरी सौं मोहि घाम न लागत, भूख नहीं कछु नेक।
सूरदास प्रभु कहयौ न मानत, परयौ आपनी टेक॥