Last modified on 24 अक्टूबर 2009, at 16:03

आजु मैं गाई चरावन जैहों / सूरदास

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:03, 24 अक्टूबर 2009 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आजु मैं गाई चरावन जैहों
बृंदाबन के भाँति भाँति फल, अपने कर मैं खैहौं।
ऎसी बात कहौ जनि बारे, देखौ अपनी भांति।
तनक तनक पग चलिहौ कैसें, आवत ह्वै है राति।
प्रात जात गैया लै चारन, घर आवत है साँझ।
तुम्हारौ कमल बदन कुम्हलैहै, रेंगत घामहिं माँझ।
तेरी सौं मोहि घाम न लागत, भूख नहीं कछु नेक।
सूरदास प्रभु कहयौ न मानत, परयौ आपनी टेक॥