गाँव में गाय ने
खूँटे पर बँधने में
जद्दोजहद की
आख़िर भाग गई
बाड़ कूद कर
घूँघट की ओट में
तब तुम
क्यों हँसीं थी
खिलखिला कर
आज जाना
जब चाह कर भी
नहीं लौट सकी
बेटी ससुराल से !
गाँव में गाय ने
खूँटे पर बँधने में
जद्दोजहद की
आख़िर भाग गई
बाड़ कूद कर
घूँघट की ओट में
तब तुम
क्यों हँसीं थी
खिलखिला कर
आज जाना
जब चाह कर भी
नहीं लौट सकी
बेटी ससुराल से !