Last modified on 9 मार्च 2009, at 20:19

आज दिवस लेऊँ बलिहारा / रैदास

आज दिवस लेऊँ बलिहारा ।
मेरे घर आया रामका प्यारा ॥टेक॥

आँगन बँगला भवन भयो पावन ।
हरिजन बैठे हरिजस गावन ॥१॥

करूँ डंडवत चरन पखारूँ ।
तन-मन-धन उन उपरि वारूँ ॥२॥

कथा कहै अरु अरथ बिचारैं ।
आप तरैं औरन को तारैं ॥३॥

कह रैदास मिलैं निज दासा ।
जनम जनमकै काटैं पासा ॥४॥